"बीरबल ने पकड़ा गहनों का चोर"
अकबर को गहनों का बहुत शौक था। बादशाह के महल में 8 नौकर ऐसे थे जो उनके वस्त्र और आभूषण की देखरेख करते थे। वे ही अकबर को दरबार में जाने के लिए तैयार भी किया करते थे। किसी और को अकबर के कमरे में घुसना मना था।
एक दिन अकबर को अपनी प्रिय अगुंठी पहननी थी। लेकिन अगुंठी वहां नही थी। अकबर क्रोधित हो गए और अगुंठी को ढूंढ निकालने का आदेश दिया। काफी प्रयासों के बाद अगुंठी नही मिली। अकबर ने अंत में बीरबल को बुला भेजा और कहा- हमें वह अगुंठी बहुत प्रिय थी। हमें वह अगुंठी चाहिए।
बीरपल ने कहा- जहांपनाह आप बेफिक्र हो जाए, आप शीघ्र ही अपनी अगुंली में वह अगुंठी पहन लेंगे। बीरबल ने उन सभी 8 नौकरों को बुलाया जो अकबर के कमरे में जाते थे। बीरबल ने उन सभी को एक ही आकार की एक-एक लकड़ी दी और दूसरे दिन उस लकड़ी को साथ लेकर आने को कहा।
बीरबल ने लकड़ी देते हुए कहा कि-जिस किसी ने भी वह अगुंठी चुराई है उसकी लकड़ी एक ही रात में एक इंच लम्बी हो जाएगी।
अगली सुबह आठों नौकर लकड़ी लिए कतार में खड़े हुए थे। उन आठों नौकर में से एक नौकर को बीरबल बादशाह के पास ले गया। वह नौकर अकबर के पैरों में गिर गया और उसने अपनी गलती मान ली कि उसी ने अगुंठी चुराई है।
बादशाह आश्चर्यचकित थे। बादशाह ने बीरबल से पूछा कि उसने कैसे चोर को पकड़ा? बीरबल ने सारी बात राजा को बताई और अंत में कहा- जहांपनाह गुनहगार ने पकड़े जाने के डर से अपनी लकड़ी को एक इंच काट लिया, बस यहीं इससे भूल हो गई।
बादशाह ने भरे दरबार में बीरबल की प्रशंसा की और चोर को उचित दंड दिया।
एक दिन अकबर को अपनी प्रिय अगुंठी पहननी थी। लेकिन अगुंठी वहां नही थी। अकबर क्रोधित हो गए और अगुंठी को ढूंढ निकालने का आदेश दिया। काफी प्रयासों के बाद अगुंठी नही मिली। अकबर ने अंत में बीरबल को बुला भेजा और कहा- हमें वह अगुंठी बहुत प्रिय थी। हमें वह अगुंठी चाहिए।
बीरपल ने कहा- जहांपनाह आप बेफिक्र हो जाए, आप शीघ्र ही अपनी अगुंली में वह अगुंठी पहन लेंगे। बीरबल ने उन सभी 8 नौकरों को बुलाया जो अकबर के कमरे में जाते थे। बीरबल ने उन सभी को एक ही आकार की एक-एक लकड़ी दी और दूसरे दिन उस लकड़ी को साथ लेकर आने को कहा।
बीरबल ने लकड़ी देते हुए कहा कि-जिस किसी ने भी वह अगुंठी चुराई है उसकी लकड़ी एक ही रात में एक इंच लम्बी हो जाएगी।
अगली सुबह आठों नौकर लकड़ी लिए कतार में खड़े हुए थे। उन आठों नौकर में से एक नौकर को बीरबल बादशाह के पास ले गया। वह नौकर अकबर के पैरों में गिर गया और उसने अपनी गलती मान ली कि उसी ने अगुंठी चुराई है।
बादशाह आश्चर्यचकित थे। बादशाह ने बीरबल से पूछा कि उसने कैसे चोर को पकड़ा? बीरबल ने सारी बात राजा को बताई और अंत में कहा- जहांपनाह गुनहगार ने पकड़े जाने के डर से अपनी लकड़ी को एक इंच काट लिया, बस यहीं इससे भूल हो गई।
बादशाह ने भरे दरबार में बीरबल की प्रशंसा की और चोर को उचित दंड दिया।
stories achi lagi...mai enhe apne mitro ke sath bhi share karunga. akbar birbal stories in hindi
ReplyDeletethanks
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