Breaking News

Sunday, August 11, 2024

अकबर और बीरबल की कहानी: अनोखा इनाम



एक बार की बात है, बादशाह अकबर और उनके नवरत्नों में से बीरबल दरबार में बैठे थे। अकबर हमेशा बीरबल की चतुराई और बुद्धिमानी की तारीफ करते थे, लेकिन वे एक दिन बीरबल की समझदारी की परीक्षा लेना चाहते थे।


अकबर ने बीरबल से कहा, "बीरबल, हम तुम्हारी बुद्धिमानी से बहुत प्रभावित हैं, लेकिन क्या तुम एक ऐसी बात कह सकते हो जो खुश इंसान को दुखी कर दे और दुखी इंसान को खुश कर दे?"

बीरबल मुस्कुराए और बोले, "जी हुजूर, मैं कुछ समय चाहता हूं।"


अकबर ने उन्हें समय दिया, और बीरबल वहां से चले गए। कुछ दिनों बाद, बीरबल ने बादशाह को एक अंगूठी पेश की, जिसमें लिखा था, "यह समय भी बीत जाएगा।"


अकबर ने जब वह अंगूठी देखी, तो वे सोच में पड़ गए। बीरबल ने समझाया, "हुजूर, जब कोई व्यक्ति खुश होता है और इस अंगूठी को देखता है, तो उसे यह एहसास होता है कि खुशी का समय भी बीत जाएगा, जिससे वह थोड़ा दुखी हो जाता है। और जब कोई व्यक्ति दुखी होता है और इस अंगूठी को देखता है, तो उसे यह एहसास होता है कि दुख का समय भी बीत जाएगा, जिससे उसे सांत्वना मिलती है और वह खुश हो जाता है।"


अकबर बीरबल की इस गहरी सोच से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने बीरबल को ढेर सारे इनाम दिए। बीरबल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे न केवल बुद्धिमान हैं, बल्कि जीवन के गहरे सत्य को भी समझते हैं।


इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में चाहे खुशी हो या दुख, समय के साथ सब बदल जाता है।


No comments:

Post a Comment

Designed By Blogger Templates